भारत में कृषि केवल रोजगार का साधन ही नहीं बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। किसान मेहनत से अपनी जमीनों पर उत्पादन करते हैं और देश की खाद्य सुरक्षा को बनाए रखते हैं। लेकिन खेती में सबसे बड़ी समस्या बिजली और पानी की रहती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ बिजली का पर्याप्त इंतज़ाम नहीं हो पाता। इसी समस्या को हल करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ना है ताकि वे अपने खेतों में पानी की सिंचाई के लिए डीजल और बिजली पर निर्भर न रहें। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप, सोलर पैनल और अन्य उपकरणों पर बड़ी सब्सिड़ी दी जाती है। वर्ष 2025 में इस योजना को और मज़बूत किया गया है, जिसके अंतर्गत किसानों को अब 60% तक सब्सिड़ी प्रदान की जाएगी।
यह योजना किसानों को केवल सिंचाई की सुविधा देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद किसानों की आय को दोगुना करना और उन्हें पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा से जोड़ना भी है। वहीं, इस योजना से गांव और कस्बों में बिजली की समस्या का काफी हद तक समाधान भी संभव हो रहा है।
PM KUSUM Yojana
प्रधानमंत्री कुसुम योजना यानी “किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान” को वर्ष 2019 में शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य किसानों को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत सौर पंप स्थापित किए जाते हैं, जिससे किसान अपने खेतों में पानी पंप कर सकते हैं।
योजना तीन अलग-अलग घटकों में विभाजित है। पहला घटक किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाने की सुविधा देता है। दूसरा घटक डीजल और बिजली के पंपों को सोलर पंपों से बदलने की दिशा में काम करता है। तीसरा घटक किसानों को अपनी अतिरिक्त बिजली बिजली वितरण कंपनियों को बेचने का अवसर देता है। इस तरह किसान उत्पादन भी करते हैं और अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं।
किसानों को मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत किसानों को सबसे बड़ा लाभ सब्सिड़ी के रूप में मिलता है। वर्ष 2025 में लागू नए नियमों के अनुसार किसानों को सौर पंप और पैनल लगाने पर 60% तक की सरकारी सब्सिड़ी उपलब्ध होगी। इसके अलावा लगभग 30% ऋण की सुविधा भी बैंक से प्राप्त की जा सकती है। शेष 10% खर्च किसान को स्वयं करना पड़ता है।
इससे किसानों की जेब पर अधिक बोझ नहीं पड़ता और वे आसानी से आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पाते हैं। एक बार सौर पंप लगने के बाद किसान को बिजली या डीजल का खर्च नहीं करना पड़ता और लंबे समय तक मुफ्त सिंचाई की सुविधा मिलती है।
इसके अलावा किसान अपनी अतिरिक्त बिजली को बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होती है और उन्हें दोहरा लाभ प्राप्त होता है।
आवेदन करने की प्रक्रिया
पीएम कुसुम योजना का लाभ लेने के लिए किसान को आवेदन करना जरूरी है। आवेदन करने के लिए किसान के पास आधार कार्ड, जमीन संबंधित कागजात, बैंक खाता और पहचान पत्र होने चाहिए।
सबसे पहले किसान को इस योजना के लिए अपने राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी या बिजली विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। वहाँ “प्रधानमंत्री कुसुम योजना” पर क्लिक करके आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन में किसान को अपने व्यक्तिगत विवरण, जमीन का विवरण, बैंक खाता नंबर और आधार नंबर दर्ज करना होता है।
सभी दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद आवेदन सबमिट कर दिया जाता है। सफलतापूर्वक आवेदन स्वीकार होने के बाद विभाग किसान से संपर्क करता है और सोलर पंप लगाने की प्रक्रिया शुरू होती है।
योजना से जुड़े व्यापक फायदे
यह योजना केवल किसानों के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। इससे डीजल और बिजली पर निर्भरता घटेगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही, यह गांवों में बिजली संकट को हल करने में भी सहायक होगी।
किसानों की आय बढ़ने से वे आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे और ग्रामीण विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह योजना जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में भी मददगार साबित होगी क्योंकि सौर ऊर्जा पूरी तरह स्वच्छ और नवीकरणीय है।
निष्कर्ष
पीएम कुसुम योजना 2025 किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है। 60% तक की सब्सिड़ी और आसान किस्तों में सोलर पंप लगाने की सुविधा से किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं। इस योजना से न केवल उनकी बिजली और डीजल की समस्या समाप्त होगी बल्कि उन्हें अतिरिक्त आमदनी का भी स्रोत मिलेगा। किसानों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में यह योजना अहम भूमिका निभा रही है।