सीएनजी की कीमतों में हाल में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ा है। अधिकांश लोग सीएनजी गाड़ियों को इसलिए पसंद करते थे क्योंकि यह पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सस्ता और पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प माना जाता था। लेकिन अब बढ़ती कीमतों ने कई लोगों का बजट बिगाड़ दिया है।
भारत के बड़े-बड़े शहरों में सीएनजी रेट्स में बढ़ोतरी की वजह से कई वाहन चालकों के खर्च बढ़ गए हैं। महंगाई के इस दौर में जहाँ पेट्रोल और डीजल की कीमतें ऐसी ही ऊँचाई पर बनी हुई हैं, अब सीएनजी के भी दाम कम नहीं रहे। पिछले कुछ महीनों में कई शहरों में सीएनजी के रेट्स पेट्रोल के करीब या कई मामलों में उससे भी अधिक हो चुके हैं।
इस स्थिति ने खास तौर पर उन लोगों को प्रभावित किया है, जो रोज़मर्रा की यात्रा के लिए सीएनजी पर निर्भर रहते हैं।
CNG Price: Latest Update
अभी हाल ही में दिल्ली में सीएनजी की कीमत 76.59 रुपये प्रति किलो है, जबकि मुंबई में 77 रुपये प्रति किलो, नोएडा में 84.70 रुपये प्रति किलो, उत्तर प्रदेश में 93 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में करीब 90.5 रुपये प्रति किलो और हैदराबाद में 96 रुपये प्रति किलो तक जा पहुँची है। ये बढ़ोत्तरी बीते कुछ महीनों में देखने को मिली है, खासकर मार्च 2025 से अप्रैल 2025 के बीच अधिक इज़ाफा दर्ज किया गया।
यह वृद्धि मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने, सप्लाई चैन में रुकावटें, और अन्य आर्थिक कारणों की वजह से हुई है। केंद्र और राज्य सरकारों की टैक्स पॉलिसी का भी सीधा असर इन कीमतों में देखने को मिलता है। अधिक टैक्स वसूली के चलते भारत में सीएनजी की कीमतें विदेशों की तुलना में ज्यादा रहती हैं।
सीएनजी अब अपने पारंपरिक ‘सस्ता ईंधन’ वाली छवि से बाहर आ गई है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत लगभग 94.77 रुपये है, जबकि एक किलो सीएनजी 76.09 रुपये में मिल रही है। कई राज्यों और शहरों में सीएनजी दाम पेट्रोल के बराबर या उससे थोड़े ही कम रह गए हैं। कहीं-कहीं तो सीएनजी के दाम पेट्रोल से भी ऊपर पहुँच गए हैं, जिससे वाहन चालकों को आर्थिक झटका लगा है।
जिन लोगों ने सीएनजी गाड़ी इसलिए खरीदी थी ताकि ईंधन के खर्च पर काबू पा सकें, उनकी परेशानियाँ अब बढ़ गई हैं। रोज़ाना ऑफ़िस या व्यापार के लिए चलने वालों को हर महीने हज़ारों रुपये अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं। टैक्सी, ऑटो-रिक्शा चालकों की आमदनी पर भी सीधा असर पड़ा है, क्योंकि वे पहले की तुलना में ज्यादा किराया नहीं बढ़ा सकते।
सरकार की योजनाएं और राहत
सरकार समय-समय पर प्राकृतिक गैस के दामों पर नियंत्रण के लिए कई तरह की योजनाएँ चलाती है, जैसे- गैस की खरीददारी के लिए लॉन्ग टर्म अनुबंध, इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना आदि। अभी तक टैक्स में कमी या सीधी सब्सिडी जैसी कोई राहत नहीं दी गई है, जिससे उपभोक्ता को तुरंत कोई बड़ा फायदा मिल सके। कई राज्यों की सरकारें अपने स्तर पर बिक्री कर (VAT) में छोटे-मोटे बदलाव करती हैं, लेकिन इसका असर भी सीमित रह जाता है।
भारत सरकार की मुख्य योजना है- ‘सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) योजना’, जिसके तहत देश के ज्यादातर बड़े और मझोले शहरों में पाइपलाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा, इंड्राप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL), महानगर गैस, गुजरात गैस जैसी कंपनियां देशभर में सीएनजी की सप्लाई सुनिश्चित करती हैं। हालाँकि, उत्पादन लागत बढ़ने और विदेशी आयात पर निर्भरता की वजह से इन कंपनियों को भी कीमत बढ़ानी पड़ रही है।
अपने शहर का नया सीएनजी रेट
- दिल्ली: 76.59-76.09 रुपये प्रति किलो
- मुंबई: 77 रुपये प्रति किलो
- नोएडा: 84.70 रुपये प्रति किलो
- उत्तर प्रदेश (कुछ शहर): 93 रुपये प्रति किलो
- चेन्नई: 90.5 रुपये प्रति किलो
- हैदराबाद: 96 रुपये प्रति किलो
इन दामों में प्रतिदिन या मासिक आधार पर छोटे-मोटे बदलाव आते रहते हैं, लेकिन फिलहाल यह दरें सबसे ऊपर बनी हुई हैं।
क्या CNG गाड़ी चलाना अभी भी फायदेमंद है?
सीएनजी गाड़ियों का मेंटेनेंस खर्च और इंजन लाइफ पेट्रोल जितनी ही होती है। कई कंपनियां कारखाने से ही CNG किट वाली गाड़ियाँ उपलब्ध करा रही हैं। लंबी दूरी और रोज़मर्रा का सफर करने वालों के लिए सीएनजी फिर भी डीज़ल से किफायती है, लेकिन एक बड़ी कीमत में अंतर अब नहीं बचा है।
निष्कर्ष
सीएनजी के रेट्स में बढ़ोत्तरी ने लोगों की परेशानी बढ़ाई है। पेट्रोल/डीजल की कीमतें पहले से ही ज्यादा थीं, अब सीएनजी का महंगा होना दैनिक जीवन को और मुश्किल बना रहा है। अगर सरकार टैक्स या सप्लाई पर राहत देती है, तो शायद फिर से लोग सीएनजी की ओर आकर्षित हो पाएंगे, लेकिन फ़िलहाल इसकी कीमत आम आदमी की पहुँच से दूर होती जा रही है।