Honorarium Hike 2025: मानदेय में 2 गुना उछाल, सरकार ने दिए 5 तोहफे

Published On: August 12, 2025
Honorarium Hike 2025

सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण वर्गों के कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने को लेकर एक बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है। लंबे समय से कर्मचारी वेतन और भत्ते वृद्धि की मांग कर रहे थे, जिस पर सरकार ने सकारात्मक कदम उठाया है।

नए बदलावों का असर लाखों कर्मचारियों, शिक्षकों, हेल्थ वर्कर्स, कुक, और पेंशनर्स पर पड़ने वाला है, जिनकी उम्मीदें अब हकीकत में बदलती दिख रही हैं। पिछले कुछ सालों से देशभर के विभिन्न राज्यों की सरकारें अपने स्तर पर मानदेय बढ़ाने के फैसले ले रही हैं।

बिहार सरकार सहित केंद्र ने भी ग्रामीण स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल देखभाल सेक्टर के कर्मचारियों के वेतन में इजाफा करने का ऐलान किया है। इसका सीधा लाभ निचले स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा, जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी ड्यूटी में और बेहतर योगदान दे पाएंगे।

Honorarium Hike 2025

अगर बात करें मुख्य मानदेय बढ़ोतरी की, तो सबसे बड़ा फायदा बिहार सरकार द्वारा किये गए हालिया फैसले में दिखता है। राज्य सरकार ने विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना यानी मिड-डे मील स्कीम के तहत काम करने वाले कुक्स (रसोइयों), नाइट वॉचमैन, फिजिकल एजुकेशन और हेल्थ इंस्ट्रक्टर्स का मानदेय दोगुना कर दिया है।

पहले जहां कुक्स को हर महीने ₹1,650 मिलते थे, अब उन्हें ₹3,300 मिलेंगे। इसी तरह नाइट वॉचमैन का मानदेय ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 किया गया है। वहीं फिजिकल एजुकेशन इंस्ट्रक्टर्स का वेतन ₹8,000 से ₹16,000 हो गया है।

इसी तरह बिहार में आशा और ममता कार्यकर्ताओं को भी बड़ा लाभ मिला है। आशा वर्कर्स का मानदेय ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 कर दिया गया है, जबकि ममता कार्यकर्ताओं को डिलीवरी के बाद मिलने वाला अनुदान ₹300 से बढ़ाकर ₹600 हो गया है। सरकार ने इन्हें ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में उनके अमूल्य योगदान के लिए यह बढ़ोतरी दी है।

सरकार की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के वेतन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पहले ₹3,000 मिलते थे, अब नई व्यवस्था में उन्हें ₹4,500 मिलते हैं, और आंगनवाड़ी सहायिका को ₹1,500 से बढ़ाकर ₹2,250 मिल रहा है। कई राज्यों में यह राशि और ज्यादा भी जा सकती है, साथ ही परफॉर्मेंस बेस्ड इंसेंटिव भी दिया जा रहा है।

किस योजना के अंतर्गत हुआ बदलाव?

ये मानदेय बढ़ोतरी मुख्य रूप से मिड-डे मील योजना, आशा और आंगनवाड़ी योजना, तथा केंद्र सरकार के विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के अंतर्गत हुई है। मिड-डे मील स्कीम स्कूलों में बच्चों के पोषण के लिए सरकार द्वारा चलाया जाता है, जिसमें कुक्स और सपोर्ट स्टाफ की अहम भूमिका होती है।

वहीं, आशा और ममता कार्यकर्ता ग्रामीण स्वास्थ्य को मजबूत बनाने में योगदान देती हैं और महिलाओं व बच्चों की देखभाल में अहम रोल अदा करती हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के ‘पोषण अभियान’ के तहत शुरुआती शिक्षा और पोषण के लिए काम करती हैं।

सरकार ने इनका मानदेय बढ़ाकर इनकी सेवाओं को और सम्मानित किया है। इसके साथ आयोग द्वारा नौकरी में लगे कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए अलग-अलग राज्यों या केंद्र स्तर पर समय-समय पर सिफारिशें जारी की जाती हैं।

सरकार का उद्देश्य और दूसरी तरफ स्थिति

सरकार द्वारा कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने के पीछे मुख्य उद्देश्य, उनका आर्थिक स्तर बढ़ाना और मनोबल ऊँचा करना है। इससे वे अपने काम में और ईमानदारी से समर्पित रह सकें। वित्तीय मजबूती से कर्मचारियों की जीवनशैली में बदलाव होगा, साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के स्तर में भी सुधार आएगा।

हालांकि कुछ मामलों में केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि, फिलहाल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मानदेय में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है। इनका मानदेय 2018 में अंतिम बार बढ़ाया गया था, और वर्तमान में नियमित आंगनवाड़ी कर्मचारियों को ₹4,500, मिनी सेंटर वाले को ₹3,500 तथा सहायिका को ₹2,250 मिलते हैं, साथ ही प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

आवेदन कैसे करें?

मानदेय बढ़ोतरी का लाभ पाने के लिए संबंधित कर्मचारी विभाग के पास अपनी डिटेल अपडेट करवाएं। नया मानदेय स्वत: उनके खाते में आएगा। किसी तकनीकी या दस्तावेज संबंधी दिक्कत होने पर अपने विभाग या विद्यालय/स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

यदि आप नए कर्मचारी हैं या चयन प्रक्रिया की तैयारी कर रहे हैं, तो संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन का फॉर्म ऑनलाइन या ऑफलाइन उपलब्ध हो जाता है। वहां जरूरी दस्तावेज़ संलग्न कर आप आवेदन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सरकार का यह फैसला लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और सम्मान की बात है। इससे न सिर्फ वेतन बढ़ेगा, बल्कि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति, मनोबल और सेवा भावना में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे। आने वाले समय में और भी वर्गों को इसमें शामिल किया जा सकता है, जिससे देश की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था और मजबूत होगी।

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