बच्चों का संपूर्ण विकास और सुरक्षित भविष्य हर समाज और सरकार की प्राथमिकता होती है। कई बार परिस्थितिवश कुछ बच्चे अपने माता-पिता की छाया से वंचित हो जाते हैं या उन्हें परिवार में देखरेख की जरुरत होती है।
ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने एक खास योजना “पलनहार योजना” चलाई है, जिससे उनके पालन-पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च की जिम्मेदारी सरकार खुद उठाती है। Palanhar Yojana 2025 में ऐसे बच्चों को हर महीने ₹2,500 तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में अपना भविष्य बना सकें।
यह योजना बच्चों को सामाजिक और आर्थिक संरक्षण देने के साथ उनके जीवन में भरोसा और आत्मविकास का अवसर भी देती है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा गरीबी या असहायता के कारण पिछड़ न जाए। खासकर राजस्थान जैसे राज्यों में पलनहार योजना की मदद से लाखों बच्चों को न सिर्फ भरण-पोषण बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कार की सुविधाएं दी जा रही हैं।
इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि पलनहार योजना क्या है, किसे इसका लाभ मिल सकता है, आवेदन की प्रक्रिया कैसी है और सरकार की तरफ से कौन-कौन सी सुविधाएं दी जा रही हैं।
Palanhar Yojana 2025
पलनहार योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य है कि निर्धन, अनाथ, असहाय, विधवा, तलाकशुदा, विकलांग या आपराधिक मामलों से प्रभावित बच्चों को हर महीने ₹2,500 तक की आर्थिक सहायता मिले।
इस योजना के तहत जिन बच्चों के माता-पिता नहीं हैं या सांविधिक परिस्थितियों में उनके पालन-पोषण के लिए कोई सक्षम व्यक्ति तय नहीं है, उन्हें सरकार प्रोत्साहित करती है कि उनके रिश्तेदार, परिवार या समाज का कोई व्यक्ति उनकी देखरेख करे।
जिन परिवारों के लिए बच्चा गरीबी के कारण शिक्षा, भोजन या स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है, वहां सरकार द्वारा हर माह ₹2,500 बैंक खाते में जमा किया जाता है। यह राशि बच्चे की पढ़ाई, ड्रेस, किताब, भोजन, हॉस्टल या किसी अन्य खर्च के लिए इस्तेमाल की जाती है। साथ में अधिकारिक आवेदन पर बच्चे का स्कूल में पंजीकरण भी अनिवार्य है।
पलनहार परिवार को सरकार द्वारा तरह-तरह की संवैधानिक और सामाजिक सहायता भी दी जाती है, जैसे फ्री यूनिफॉर्म, किताबें, परीक्षा शुल्क माफी, और स्वास्थ्य बीमा।
पात्रता और जरूरी शर्तें
इस योजना का लाभ अनाथ, असहाय, विधवा, तलाकशुदा, HIV पीड़ित, जेल में बंद माता-पिता के बच्चे, विकलांग अथवा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले बच्चों को मिलता है। आवेदक परिवार राजस्थान राज्य का निवासी होना चाहिए, और बच्चे की उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
पलनहार परिवार को सरकारी मान्यता के अनुसार बच्चे की पढ़ाई और भरण-पोषण की जिम्मेदारी लेनी होती है। आवेदनकर्ता के पास कोई आय प्रमाणपत्र/मूल निवास/राशन कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र और बैंक खाता होना जरूरी है। यदि बच्चा स्कूल में पढ़ता है तो नामांकन प्रमाणपत्र भी देना होगा।
आवेदन की प्रक्रिया
पलनहार योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है।
आवेदक को राजस्थान सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना है।
फॉर्म में बच्चे का नाम, जन्मतिथि, माता-पिता की जानकारी, पालक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाते की डिटेल और वार्षिक आय संबंधित जानकारी भरनी होती है। सभी आवश्यक दस्तावेज – आधार कार्ड, बैंक पासबुक, आय प्रमाण, बच्चे का स्कूल प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र – अपलोड या ऑफलाइन फॉर्म के साथ संलग्न करने होते हैं।
फॉर्म भरने के बाद आवेदन को ग्राम पंचायत, नगरपालिका या तहसील कार्यालय में जमा करना होता है।
ऑनलाइन आवेदन के बाद विभाग सत्यापन करता है और कुछ दिनों में बच्चे के खाते में सहायता राशि आनी शुरू हो जाती है। आवेदन की स्थिति विभाग की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से चेक की जा सकती है।
योजना के लाभ
पलनहार योजना से बच्चों को प्रतिमाह ₹2,500 तक की राशि सीधे बैंक खाते में मिलती है। पैसा बच्चे के शैक्षिक खर्च, स्वास्थ्य देखरेख, भोजन, किताब-कॉपी, ड्रेस अथवा हॉस्टल शुल्क जैसी जरूरतों के लिए खर्च किया जा सकता है।
सरकार समय-समय पर परिवार और बच्चों के लिए काउंसलिंग, स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा सहायता और बाल अधिकार सुरक्षा का प्रशिक्षण भी आयोजित करती है। इससे बच्चा समाज की मुख्यधारा से जुड़ पाता है, उसके परिवार पर आर्थिक बोझ कम होता है, और बच्चे को अच्छा माहौल मिलता है।
निष्कर्ष
Palanhar Yojana 2025 राजस्थान व अन्य राज्यों के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जिससे वे हर महीने ₹2,500 तक की सहायता पा सकते हैं। इससे बच्चों को सुरक्षित, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
अगर आप पात्र हैं तो समय रहते सही दस्तावेजों के साथ योजना में आवेदन करें और सरकार की इस पहल का लाभ अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए उठाएं।