Post Office PPF Scheme: सिर्फ ₹95 हजार जमा कर बनें ₹25.76 लाख के मालिक

Published On: August 23, 2025
Post office ppf scheme

आज के समय में हर व्यक्ति चाहता है कि उसका भविष्य सुरक्षित रहे और रिटायरमेंट के बाद भी उसे पैसों की चिंता न हो। खासतः नौकरीपेशा लोगों और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि वे समय रहते निवेश का सही विकल्प चुनें। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए डाकघर विभिन्न बचत योजनाएँ चलाता है जिनमें सबसे भरोसेमंद योजना है पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ

पीपीएफ एक सरकारी गारंटी वाली योजना है, जिसमें निवेशक को सुरक्षा, स्थिर ब्याज और टैक्स छूट—तीनों का लाभ मिलता है। लंबे समय का निवेश करने वाले लोगों के लिए यह योजना बहुत कारगर मानी जाती है क्योंकि इसमें संयोजित ब्याज की वजह से बाद में भारी रकम तैयार हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति 95 हजार रुपये सालाना निवेश करता है तो मैच्योरिटी पर उसे लगभग ₹25,76,533 का शानदार फंड मिल सकता है।

Post Office PPF Scheme

पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली दीर्घकालिक निवेश योजना है। इसे डाकघर और कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से खोला जा सकता है। यह योजना 15 साल की अवधि के लिए होती है और इसे पांच-पांच साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।

सरकार हर तिमाही पीपीएफ पर ब्याज दर तय करती है। यह ब्याज प्रतिवर्ष संयोजित यानी कंपाउंडेड तरीके से जुड़ता है। जिन लोगों को सुरक्षित और टैक्स बचत वाला विकल्प चाहिए, उनके लिए यह सबसे मजबूत योजना मानी जाती है। आयकर की धारा 80सी के तहत इस योजना में किए गए निवेश पर छूट भी मिलती है।

95 हजार जमा कर बन जाएगा लाखों का फंड

अगर कोई व्यक्ति हर साल 95 हजार रुपये अपने पीपीएफ खाते में नियमित तौर पर डालता है तो 15 साल की पूरी अवधि में लगभग 14,25,000 रुपये उसकी जमा राशि होगी। इस जमा पर सरकार द्वारा तय ब्याज दर मिलने से अंत में कुल राशि लगभग 25,76,533 रुपये तक पहुँच सकती है।

इस तरह देखा जाए तो जो व्यक्ति केवल सीमित रकम सालाना जमा करता है, उसके पास मैच्योरिटी के बाद करोड़ों नहीं तो भी लाखों रुपये का बड़ा फंड तैयार हो जाता है। यह फंड रिटायरमेंट के बाद काफी सहारा बन सकता है।

टैक्स बचत और सरकारी सुरक्षा का लाभ

पीपीएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश कर आप टैक्स की बचत कर सकते हैं। धारा 80सी के अंतर्गत सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स छूट के दायरे में आता है। इसका मतलब है कि निवेश करने वाले को बचत और बढ़ता फंड दोनों का लाभ मिलता है।

इसके अलावा यह पूरी तरह से सरकार की गारंटी वाली योजना है। इसमें निवेशित धन और ब्याज दोनों पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। किसी भी तरह के बाजार जोखिम से यह योजना मुक्त है, इसलिए छोटे और मध्यमवर्गीय निवेशक इसे निश्चिंत होकर चुन सकते हैं।

निवेश करने की प्रक्रिया

पीपीएफ खाता खोलना बेहद आसान है। इसके लिए निवेशक को नजदीकी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में जाना होता है। आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान प्रमाण, पता प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो जमा करने के बाद खाता खोल दिया जाता है।

एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक इसमें निवेश किया जा सकता है। यह रकम एकमुश्त या किश्तों में जमा की जा सकती है। समय पर नियमित रूप से रकम डालने से मैच्योरिटी पर फंड और भी बड़ा तैयार होता है।

भविष्य के लिए मजबूत विकल्प

आजकल कई तरह की निवेश योजनाएँ मौजूद हैं लेकिन उनमें जोखिम का स्तर ज्यादा हो सकता है। शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड में जहां उतार-चढ़ाव रहता है, वहीं पीपीएफ पूरी तरह सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाला विकल्प है। खासकर उन लोगों के लिए यह योजना सबसे अच्छी मानी जाती है जिन्हें लम्बी अवधि के बाद रिटायरमेंट फंड चाहिए।

अगर किसी ने समय से शुरू कर दिया तो थोड़ी-सी सालाना बचत भी भविष्य में बेहद बड़ा सहारा बनती है। यही वजह है कि लाखों लोग पीपीएफ खाते में पैसा जमा कर रहे हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं।

निष्कर्ष

95 हजार रुपये सालाना निवेश कर लाखों रुपये का फंड तैयार करना किसी भी व्यक्ति के लिए बड़ी बात है। डाकघर की पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना इसकी सबसे बेहतरीन मिसाल है। यह निवेशक को सुरक्षा, ब्याज और टैक्स बचत—तीनों का संतुलित लाभ देती है। इसलिए जो लोग अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित रास्ता चुनना चाहते हैं, उनके लिए पीपीएफ खाता एक समझदारी भरा विकल्प साबित हो सकता है।

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