आज के समय में जब शिक्षा और शादी का खर्च लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में बचत और निवेश योजना बहुत जरूरी हो गई है। खासकर जब बात बेटियों के भविष्य की हो तो माता-पिता हमेशा सुरक्षित और भरोसेमंद स्कीम की तलाश करते हैं। इसी बीच सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है जिसमें छोटी रकम से बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है।
यह स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)। इसे खास तौर पर बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बनाया गया है। इस योजना में अगर माता-पिता हर महीने 250 या 500 रुपए जमा करते हैं तो समय पूरा होने पर बेटी को लाखों रुपए मिल सकते हैं। लंबे समय में इसके जरिए करीब 74 लाख रुपए तक का फंड तैयार हो सकता है।
What is Sukanya Samriddhi Yojana?
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) को भारत सरकार ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत 2015 में शुरू किया था। यह स्मॉल सेविंग स्कीम है, जिसे पोस्ट ऑफिस और अधिकतर सरकारी या प्राइवेट बैंकों में शुरू किया जा सकता है।
इस योजना में बेटी के नाम से खाता खुलता है और अभिभावक उसके लिए 14 साल तक पैसा जमा कर सकते हैं। खाता खुलने के समय बेटी की उम्र अधिकतम 10 साल तक हो सकती है।
निवेश और ब्याज दर
इस योजना में आप न्यूनतम 250 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना निवेश कर सकते हैं। यह राशि आप हर महीने या सालाना आधार पर जमा कर सकते हैं।
सरकार इस स्कीम पर समय-समय पर ब्याज दर तय करती है। फिलहाल इसमें 8% सालाना ब्याज दिया जा रहा है। चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) की वजह से समय के साथ जमा रकम तेजी से बढ़ती है।
250 और 500 रुपए जमा करने पर 74 लाख तक कैसे?
अगर माता-पिता बेटी के खाते में हर महीने सिर्फ 500 रुपए जमा करते हैं, तो 14 साल तक यह निवेश का सिलसिला चलता है। कुल मिलाकर लगभग 84,000 रुपए जमा होते हैं।
जब खाता 21 साल बाद मैच्योर होता है, तो ब्याज और निवेश मिलाकर लगभग 15 से 17 लाख रुपए तक की राशि मिल सकती है। अगर निवेश की राशि बढ़ाकर हर महीने 2,000 से 3,000 रुपए कर दी जाए तो यह रकम काफी बढ़ जाती है।
दरअसल, जो गणना 74 लाख तक पहुंचती है, वह तब होती है जब नियमित रूप से अधिक राशि (जैसे 12,500 रुपए प्रतिमाह – यानी 1.5 लाख रुपए सालाना, जो इस योजना की अधिकतम लिमिट है) निवेश की जाती है। इस स्थिति में 21 साल बाद यह रकम लगभग 74 लाख रुपए तक पहुंच सकती है।
इसका मतलब यह हुआ कि 250 या 500 रुपए छोटे निवेश के लिए हैं, ताकि कोई भी परिवार आसानी से इसमें शामिल हो सके। वही लोग अगर ज्यादा निवेश करें तो बेटी के लिए बहुत बड़ी फंडिंग तैयार हो सकती है।
टैक्स बेनिफिट और सुरक्षा
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर आयकर कानून की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। अधिकतम 1.5 लाख तक की निवेश राशि टैक्स फ्री गिनी जाती है।
इससे मिलने वाला ब्याज और परिपक्वता (maturity) की रकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। यानी अभिभावकों को डबल फायदा मिलता है – बचत भी और टैक्स में राहत भी।
पैसा कब और कैसे निकाला जा सकता है?
इस योजना में खाता 21 साल बाद मैच्योर होता है। हालांकि, अगर बेटी की पढ़ाई के लिए पैसे की जरूरत पड़े तो 18 साल की उम्र के बाद आंशिक निकासी की सुविधा भी उपलब्ध है।
इसके अलावा, अगर बेटी की शादी हो जाती है तो भी माता-पिता 21 साल से पहले खाता बंद कर सकते हैं। लेकिन शादी की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
खाता कैसे खोला जा सकता है?
खाता खोलने के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावक को बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और दो पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती है।
यह खाता पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंकों में आसानी से खोला जा सकता है। आवेदन के समय न्यूनतम 250 रुपए जमा करना जरूरी होता है।
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए सरकार की सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद स्कीम है। इसमें छोटे-छोटे निवेश से बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है।
अगर समय पर और नियमित जमा किया जाए तो बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए लाखों रुपए का इंतजाम बिना किसी परेशानी के हो सकता है। यह योजना हर अभिभावक के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।